वैदिक सभ्यता

Abhishek Ranavat
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 वैदिक काल

☛ वैदिक काल का विभाजन दो भागों में किया गया है:→

(i) ऋग्वैदिक काल- 1500 ई. पू. -1000 ई. पू.

(ii) उत्तर वैदिक काल- 1000 ई. पू. - 600 ई. पू.


➦  भारत में आर्यों का आगमन 1500 ई०पू० के आसपास हुआ। भारत में आर्य सर्वप्रथम 'सप्तसिन्धु' क्षेत्र में बसे ।


आर्यों का मूल निवास विद्वान का नाम
मध्य एशिया मैक्स मूलर
तिब्बत दयानन्द सरस्वती
उत्तरी ध्रुव बाल गंगाधर तिलक
सप्त सिन्धु प्रदेश डॉ. अविनाश दास
ऑस्ट्रो-हंगरी प्रो. मैकडोनाल्ड
जर्मनी के मैदानी भाग प्रो. पेन्का
दक्षिण रूस प्रो. गार्डन चाइल्ड

ऋग्वैदिक काल (1500ई. पू. - 1000 ई. पू.)


➮ ऋग्वेद में सिन्धु नदी का उल्लेख सर्वाधिक बार मिलता है।


➮ सरस्वती नदी आर्यों की सबसे पवित्र नदी थी, इसे "नदीतिमा" कहा गया है।


➮ ऋग्वेद में यमुना नदी का तीन बार एवं गंगा नदी का एक बार उल्लेख मिलता है।


➮ ऋग्वेद में वर्णित अंतिम नदी गोमती है।


➮ ऋग्वैदिक आर्य अनेक कबीलों में विभक्त थे। कबीले को जन कहा जाता था।


➮ जन का मुखिया ही राजा कहलाता था। राजा का पद वंशानुगत होता था।


➮ ऋग्वेद में 'जन' का 275 बार तथा 'विश' का 170 बार उल्लेख हुआ है।


➮ सभा, समिति एवं विदथ राजनीतिक संस्थाएँ थीं।     

 

➮ परिवार पितृसत्तात्मक था।


➮ समाज में वर्ण-व्यवस्था कर्म पर आधारित थी। ऋग्वेद के दसवें मण्डल में चार वर्णों, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र का उल्लेख है।


➮ इस काल में स्त्रियों की दशा अच्छी थी। इस काल में बहुत सी महिलायें जैसे लोपामुद्रा, घोषा, सिक्ता, निवावरी, रोमषा, अपाला आदि  विदुषी थीं।


सामान्यतः एक विवाह की प्रथा थी, यद्यपि बहुविवाह का भी उल्लेख मिलता है।


➮ इस समय समाज में 'विधवा विवाह', 'नियोग प्रथा' तथा 'पुनर्विवाह' का प्रचलन था लेकिन 'पर्दा प्रथा', 'बाल-विवाह' तथा 'सती प्रथा' प्रचलित नहीं थी।


➮ ऋग्वैदिक आर्यों का जीवन अस्थायी था, अतः इनका मुख्य व्यवसाय पशुपालन था।आर्यों का सबसे महत्वपूर्ण पशु गाय थी।


➮ ऋग्वैदिक आर्य बहुदेववादी थे लेकिन अंतिम चरण में एकेश्वरवाद की भावना दिखाई पड़ने लगती है।


➮ आर्यों का सर्वश्रेष्ठ देवता इन्द्र थे। इन्द्र को पुरंदर भी कहा गया है। ऋग्वेद में इन्द्र की स्तुति में 250 सूक्त रचे गये हैं।


उत्तर वैदिक काल (1000- 600 ई.पू.)


➮ इस काल में सबसे प्रमुख देवता प्रजापति ब्रह्मा, विष्णु एवं रुद्र (शिव) थे।


➮ राजत्व के दैवी उत्पत्ति के सिद्धान्त का सर्वप्रथम उल्लेख 'ऐतरेय ब्राह्मण' में किया गया है।


➮ उत्तर वैदिक काल में परिवार पितृसत्तात्मक होते थे। संयुक्त परिवार की प्रथा विद्यमान थी।


➮ वर्ण व्यवस्था की वास्तविक स्थापना उत्तर वैदिक काल में हुई।


➮ समाज स्पष्ट रूप से चार वर्णों, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र, में बँटा था। वर्ण व्यवस्था कर्म के बदले जाति पर आधारित थी।


➮ इस काल में वर्णव्यवस्था जटिल होने लगी थी। वैश्यों को 'अनस्य बलिकृत' अर्थात् कर देने वाला तथा शूद्रों को 'अनस्य प्रेष्य' कहा गया है अर्थात् दूसरों की सेवा करने वाला।


➮ 'जाबालोपनिषद्' में सर्वप्रथम चार आश्रमों, ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं संन्यास का विवरण मिलता है।


➮ चारों आश्रमों में गृहस्थ आश्रम को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।


➮ मनुष्य के स्वरूप को सुसंस्कृत एवं परिष्कृत करने के लिए संस्कारों की व्यवस्था की गई ।


➮ संस्कारों का लोकप्रिय उद्देश्य अशुभ शक्तियों का निवारण करना तथा भौतिक समृद्धि प्राप्त करना था।


➮ संस्कारों का शास्त्रीय विवेचन सर्वप्रथम 'वृहदारण्यकोपनिषद्' से प्राप्त होता है।


☛ हिन्दू धर्म में 16 संस्कार सर्वाधिक लोकप्रिय हैं।


सोलह संस्कार
1. गर्भाधान माँ के गर्भ में जीव की स्थापना
2. पुंसवन पुत्र प्राप्त हेतु
3. सीमान्तोन्नयन गर्भिणी स्त्री के सुख सांत्वना हेतु
4. जातकर्म शिशु के जन्म के समय
5. नामकरण शिशु का नामकरण करना
6. निष्क्रमण घर से पहली बार बाहर निकलने पर
7. अन्नप्राशन पहली बार अन्न ग्रहण करने पर
8.चूड़ाकरण मुंडन संस्कार (पहली बार सिर मुड़ाने पर)
9.कर्णवेधन जब शिशु का कान छेदा जाता है
10. विद्यारम्भ जब शिशु को अक्षर ज्ञान कराया जाता है
11.उपनयन जब बालक या कन्या गुरु आश्रम में प्रवेश करते हैं
12.वेदारम्भ जब पहली बार वेद का अध्ययन करते हैं
13. केशान्त जब बालक पहली बार दाढ़ी एवं मूंछ बनवाता है
14. समावर्तन शिक्षा पूर्ण होने पर गुरु द्वारा संपन्न
15. विवाह गृहस्थ जीवन प्रारम्भ करने के लिए
16. अन्त्येष्टि मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार

लोहे के प्रयोग का सर्वप्रथम साक्ष्य 1000 ई. पू. उत्तर प्रदेश के अतरन्जीखेड़ा  से मिला है।


➮ मैत्रायणी संहिता में स्त्रियों को असत्य भाषी कहा गया है। इसी ग्रंथ में स्त्रियों को मनुष्य की तीन बुराइयों में से एक बताया गया है। ये बुराइयाँ है शराब, जुआ, एवं स्त्री।


धर्म ग्रंथों में 8 प्रकार के विवाहों का उल्लेख मिलता है
ब्रह्म विवाह माता-पिता द्वारा उपर्युक्त वर खोज कर उससे अपनी बेटी का विवाह करना
दैव विवाह इसमें यज्ञ करने वाले ब्राह्मण को कन्या सौंप दी जाती थी।
आर्ष विवाह कन्या के पिता द्वारा वर से एक गाय और एक बैल या एक जोड़ा बैल लेकर अपनी कन्या का विवाह करना
प्रजापत्य विवाह दान-दहेज के बिना वर को अपनी कन्या सौंपना
गंधर्व विवाह माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध किया गया प्रेम विवाह
असुर विवाह कन्या के पिता द्वारा वर से धन लेकर अपनी कन्या का विवाह करना
राक्षस विवाह कन्या का अपहरण करके अथवा बलपूर्वक किया गया विवाह
पैशाच विवाह बलात्कार या विश्वासघात द्वारा किया गया विवाह

वैदिक साहित्य


वेद

☛ वेद संस्कृत भाषा के विद् धातु से बना है जिसका अर्थ है "जानना या ज्ञान प्राप्त करना"।

☛ वेदों को संकलित करने का श्रेय कृष्ण द्वैपायन को है।इसीलिए इन्हें वेदव्यास के नाम से भी जाना जाता है।

☛ प्रथम तीन वेद को वेदत्रयी कहा जाता है। इसके अन्तर्गत ऋग्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद आते हैं।

☞ वेद चार हैं : ➞
     (1) ऋग्वेद
     (2) यजुर्वेद
     (3) सामवेद
     (4) अथर्ववेद

ऋग्वेद


☛ ऋचाओं से युक्त होने के कारण इसे "ऋग्वेद" कहा गया है।

☛ यह सबसे प्राचीन  वेद है।

☛ ऋग्वेद में 10 मण्डल, 1028 श्लोक (1017 सूक्त तथा 11 वलाखिल्य) तथा लगभग 10,600 मन्त्र हैं।

☛ दूसरे से सातवें मण्डल को प्राचीन मण्डल, ऋषिकुल या वंश मण्डल कहा जाता है।

☛ ऋग्वेद के पुरोहित 'होता' कहलाते थे।

☛ तृतीय मण्डल में गायत्री मंत्र का उल्लेख है। इस मंत्र के दृष्टा (रचनाकार) विश्वामित्र थे । दसवां मण्डल सबसे बाद का है।

☛ चौथा मण्डल कृषि से सम्बन्धित है।

☛ सातवां मण्डल वरुण को समर्पित है।

 ☛ नौवें मण्डल के 144 सूक्तों में सोम का वर्णन है।

☛ 'गोत्र' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ऋग्वेद में हुआ है।

यजुर्वेद


☛ यजुर्वेद कर्मकाण्ड प्रधान ग्रन्थ है। इसका पाठ करने वाले ब्राह्मणों को 'अध्वर्यु' कहा गया है।

☛ यजुः (यज्ञ) अर्थात् यज्ञ से सम्बन्धित होने के कारण इसे यजुर्वेद कहा गया।

☛ यजुर्वेद दो भागों में विभक्त है: ➠
(1) कृष्ण यजुर्वेद : ➟ यह गद्य  एवं पद्य दोनों में रचा गया है।
(2) शुक्ल यजुर्वेद : ➟ यह केवल पद्य में है। इसे ही वाजसनेयी संहिता के नाम से जाना जाता है।

सामवेद


☛ साम अर्थात् गायन से सम्बन्धित होने के कारण इसका नाम सामवेद पड़ा।

☛ संगीत की सर्वप्रथम जानकारी सामवेद से मिलती है।

अथर्ववेद


☛ अथर्वा ऋषि के नाम पर इस वेद का नाम अथर्ववेद पड़ा।

☛ अथर्व शब्द का तात्पर्य पवित्र जादू है।इसमें भूत-प्रेत, जादू-टोना, रोग निवारक, अंधविश्वासों का वर्णन हैं।

उपवेद


वेद उपवेद
ऋग्वेद आयुर्वेद (चिकित्सा से संबंधित)
यजुर्वेद धनुर्वेद (युद्ध कला से संबंधित)
सामवेद गंधर्ववेद (संगीत से संबंधित)
अथर्ववेद शिल्पवेद (भवन निर्माण से संबंधित)

ब्राह्मण


☛ वेदों के बाद ब्राह्मण ग्रंथों की रचना की गई।

☛ ब्राह्मण ग्रंथों में यज्ञ से सम्बन्धित बातों का वर्णन है।

☛ प्रत्येक वेद के अपने-अपने ब्राह्मण ग्रंथ रचे गये।


वेद ब्राह्मण
ऋग्वेद कौशितकी और ऐतरेय
यजुर्वेद तैतिरीय और शतपथ
सामवेद पंचविश और जैमिनीय
अथर्ववेद गोपथ

आरण्यक


☛ ब्राह्मण ग्रंथों के बाद आरण्यकों की रचना की गई।

☛ आरण्यक शब्द "अरण्य" से बना है जिसका अर्थ है जंगल।

☛ ये ग्रन्थ जंगल के शान्त वातावरण में लिखे जाते थे एवं इनका अध्ययन भी जंगल में किया जाता था ।

☛ आरण्यकों में आध्यात्मिक एवं दार्शनिक बातों का उल्लेख किया गया है।

☛ आरण्यक ज्ञानमार्ग एवं कर्ममार्ग के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं।

उपनिषद 


☛ इनका शाब्दिक अर्थ उस विद्या से है जो गुरु के समीप बैठकर, एकान्त में सीखी जाती है।

☛ उपनिषदों की संख्या 108  है।

☛ उपनिषदों में आध्यात्मिक एवं दार्शनिक बातों का चर्मोत्कर्ष है।

☛ कठोपनिषद में यम-नचिकेता संवाद मिलता है।

☛ वृहदारण्यक उपनिषद सबसे प्राचीन उपनिषद है। इसमें राजा जनक के दरबार में याज्ञवाल्क्य एवं गार्गी के बीच हुए शास्त्रार्थ का वर्णन है।

 ☛ कृष्ण का सर्वप्रथम उल्लेख छान्दोग्य उपनिषद में मिलता है।

वेदांग

☛ वेदों को जानने एवं समझने के लिए वेदांगों की रचना की गई।

☛  इनकी संख्या 6 है :
शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द और ज्योतिष |

षड्दर्शन


दर्शन रचयिता
सांख्य कपिल
न्याय गौतम
पूर्व मीमांसा जैमिनी
उत्तर मीमांसा बादरायण
योग पतंजलि
वैशेषिक उलूक या कणाद

☞ पुराणों की कुल संख्या 18 है। सर्वाधिक प्राचीन एवं प्रमाणिक मत्स्य पुराण है।

☞ रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने किया था। इसे "चतुर्विशति सहस्री संहिता" भी कहा जाता है।

☞ महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास ने किया था। इसे "जयसंहिता और सतसहस्री संहिता" भी कहा जाता है।

☞ मनुस्मृति सबसे प्राचीन स्मृति है। इसे हिंदू धर्म की कानूनी ग्रंथ कहा जाता है।

वैदिक काल से संबंधित प्रश्नोत्तरी

 
• ऋग्वैदिक काल माना जाता है?

उत्तर – 1500 ईसा पूर्व 1000 ईसा पूर्व

• उत्तर वैदिक काल माना जाता है?

उत्तर – 1000 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक

• मैक्स मूलर ने आर्यों का मूल निवास कहां बताया है?

उत्तर- मध्य एशिया

• भारत में आर्य सर्वप्रथम कहां बसे?

उत्तर – सप्तसिंधु क्षेत्र में

• ऋग्वैदिक समाज कैसा था?

उत्तर- पितृसत्तात्मक

• ऋग्वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था किस पर आधारित थी?

उत्तर- कर्म पर

• ऋग्वैदिक काल के देवताओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कौन थे?

उत्तर – इंद्र

• ऋग्वेद में इंद्र को किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर- पुरंदर जिसका अर्थ होता है किला को तोड़ने वाला

• उत्तर वैदिक काल का समाज कैसा था?

उत्तर – पितृसत्तात्मक

• सर्वप्रथम चार आश्रमों का जिक्र किस ग्रंथ में मिलता है?

उत्तर – जाबलोपनिषद

• लोहे के प्रयोग का सर्वप्रथम साक्ष्य कहां से मिला है?

उत्तर - उत्तर प्रदेश के अतरंजिखेरा से

• ऋग्वेद के किस मंडल को प्राचीन मंडल कहा जाता है?

उत्तर – दूसरे से सातवें मंडल को

• गायत्री मंत्र का उल्लेख मिलता है?

उत्तर – ऋग्वेद के तीसरे मंडल में

• गायत्री मंत्र के रचनाकार कौन थे?

उत्तर – विश्वामित्र

• कौन सा मंडल वरुण देव को समर्पित है?

उत्तर – सातवां मंडल

• कौन सा मंडल सबसे बाद का है?

उत्तर – 10 वां

• अश्विनी ने मनु को हल चलाना सिखाया ऋग्वेद के किस मंडल में इसका जिक्र मिलता है?

उत्तर - प्रथम मंडल

• ऋग्वेद में किस नदी का सबसे ज्यादा बार जिक्र है?

उत्तर – सिंधु नदी जिसे हिरण्यानी भी कहा जाता है

• आर्य शब्द इंगित करता है?

उत्तर – श्रेष्ठ वंश को

• सबसे पुराना वेद कौन सा है?

उत्तर – ऋग्वेद

• जादुई माया तथा वशीकरण का जिक्र है?

उत्तर – अथर्ववेद में

• प्राचीन काल के महान विधि निर्माता कौन थे?

उत्तर – मनु

• प्रसिद्ध 10 राजाओं का युद्ध किस नदी के तट पर लड़ा गया था?

उत्तर – परूश्नी अथवा रावी

• पथिकृत किस देवता के लिए किया गया है?

उत्तर – अग्नि देवता

• रामायण को अन्य किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर – चतुर्विशति सहस्त्री संहिता

• महाभारत का पुराना नाम क्या है?

उत्तर - जय संहिता और सतसहस्त्री संहिता

• रामायण की रचना किसने की थी?

उत्तर – महर्षि वाल्मीकि

• महाभारत की रचना किसने की थी?

उत्तर - महर्षि वेदव्यास

• किस वेद में सभा तथा समिति को प्रजापति की दो पुत्रियों के समान माना गया है?

उत्तर – अथर्ववेद

• वैदिक लोगों ने सर्वप्रथम किस धातु का इस्तेमाल किया था?

उत्तर – तांबा

• विश्व अथवा वैश्य शब्द का सर्वप्रथम उपयोग प्रयोग कहां मिलता है?

उत्तर – वाजसनेयि संहिता में

• ऋषि याज्ञवल्क्य को शास्त्रार्थ में अपने प्रश्नों से परेशान कर देने वाली महिला कौन थी?

उत्तर – गार्गी वाचक्नवी

• ऋग्वेद में किस अनाज का जिक्र है?

उत्तर – जौ

• किस ग्रंथ में नारी को पासा एवं सूरा के साथ-साथ तीन प्रमुख बुराइयों में गिनाया गया है?

उत्तर – मैत्रायणी संहिता

• चरक संहिता नामक पुस्तक किस विषय से संबंधित है?

उत्तर – चिकित्सा

• उपनिषद पुस्तके किस पर आधारित है?

उत्तर – दर्शन पर

• कौन से स्मृति सबसे प्राचीन है?

उत्तर – मनुस्मृति

• आदि काव्य की संज्ञा किसे दी जाती है?

उत्तर – रामायण




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